बाबा साहेब जयंती के अवसर पर सफर (सोशल एक्शन फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च ) वार्षिक सांस्कतिक 'अभिव्यक्ति २००९' आयोजित कर रहा है। आप सभी सदर आमंत्रित हैं। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें।
राकेश कुमार सिंह , मो० 9811972872
सूरज ने अंगड़ाई ली / पहली किरण ने / अधखुली घुटी-घुटी आँखों / से काँच बगीचे का निरीक्षण किया...... चकाचौंध से चुंधिया कर उनींदी -उनींदी सी वह/ फिर सूरज में सिमट गई / दिन भर दुबकी रही....... एक म्यान में दो तलवारें कैसे रहतीं ? - सुधा ओम ढींगरा