वेब जगत में तमाम साहित्यिक और संस्कृत पत्रिकाओं की मौजूदगी के बीच अभी भी मीडिया विषयक ऑनलाइन पत्रिकाओं की कमी है। ऐसे में "मीडिया विमर्श डॉट कॉम" ऑनलाइन पत्रिका ने पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में होने वाली हलचलों पर रौशनी डालने की पहल की है। इस त्रैमासिक पत्रिका ने इस बार कार्पोरेट कम्युनिकेशन पर विशेषांक निकला है । मीडिया के व्यवसायीकरण पर होने वाले हो-हल्ले की धुंध को छांटने की कोशिश काबिले तारीफ है. Sunday, May 18, 2008
मीडिया विमर्श जनसंचार के सरोकारों पर केंद्रित त्रैमासिक पत्रिका
वेब जगत में तमाम साहित्यिक और संस्कृत पत्रिकाओं की मौजूदगी के बीच अभी भी मीडिया विषयक ऑनलाइन पत्रिकाओं की कमी है। ऐसे में "मीडिया विमर्श डॉट कॉम" ऑनलाइन पत्रिका ने पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में होने वाली हलचलों पर रौशनी डालने की पहल की है। इस त्रैमासिक पत्रिका ने इस बार कार्पोरेट कम्युनिकेशन पर विशेषांक निकला है । मीडिया के व्यवसायीकरण पर होने वाले हो-हल्ले की धुंध को छांटने की कोशिश काबिले तारीफ है.
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aachee jankaree
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