एक अच्छी किताब पढ़ने की संतुष्टि को किस रस या भाव के मातहत रखा जाये ....आचार्य शुक्ल ने तो नहीं बताया, पर श्रध्दा और भक्ति के फर्क की बिनाह पर कम से कम गुरुओं को श्रध्दा और पुस्तकों को भक्ति ( श्रध्दा + प्रेम = भक्ति ) का पात्र तो माना ही जा सकता है।
मनोहर श्याम जोशी की किताब "पटकथा लेखन- एक परिचय" के बाद नसरीन कबीर सिने जगत की मशहूर हस्ती जावेद अख्तर से स्क्रिप्ट प्ले और गीत लेखन पर बातचीत कमाल की है.
NCERT ने भी "abhivykti aur madhaym" pustak prakashit की है । इस kitab में jansanchar madhyamon से लेकर फिल्म-naatak के लिए भी vidhagat लेखन के tareekon से avgat karaya गया है। ये किताब वेबसाइट पर भी मौजूद है.
2 comments:
Gud 2 know....
अज्ञेय की ये पंक्तियाँ जो आपने ऊपर सजायी हैं, मेरी प्रिय हैं ।
बेहतरीन्न ब्लॉग , लिखती रहें ....
एक सुझाव है - कृपया वर्ड वेरीफीकेशन हटा दें , तो कमेंट करने वालों को सुविधा होगी ।
Post a Comment