ग्रेगरियन कैलेंडर के मुताबिक साल २००८ अब से चंद दिनों के बाद अलविदा कहने वाला है और तमाम देशवासी इसे पूरे हर्षौल्लास से मनायेगे....चाहे २६/११ की स्मृतियाँ अभी धुंधली नही हुई हो....हो भी नही सकती ....सियासत के हलकों में पाकिस्तान के साथ जंग छिड़ने के कयास लगाये जा रहे हैं...दोनों ही देशों के रक्षा अधिकारी सामरिक शक्ति की नाप-तोल कर रहे हैं....इसके उलट आमिर खान ने 'रब ने बना दी जोड़ी ' को 'गजिनी' से टक्कर दी है...मीडिया इसे किंग खान बनाम मिस्टर परफेक्शनिस्ट के रूप में भुना रहा है.....३१ की सर्द रात को कई लोग नए साल के इंतज़ार में जागेंगे....और कई लोग ऐसे भी होंगे की वो इसलिए नही सो सकते की उनके पास रैन-बसेरे नही हैं...सर छुपाने की जगह है....तो कपकंपाती सर्दी को मात देने के लिए पर्याप्त रूप से गर्म कपड़े नही हैं। जिनको नए साल का इंतज़ार है....वो १ तारीख को नए संकल्पों/ रेसोलुशन करते हुए पुराने ढर्रे पर लौट आयेंगे और जिनके लिए सभी दिन एक सामान है, जिनमें तथाकथित बुद्धिजीवी भी होंगे....वो इसे सांस्कृतिक उद्योग का स्टंट मानकर गरियांगे और गरीबों की वही आवाज़ होगी ...जो यह कहेगी....ये सब अमीरों के चोंचले हैं.....हमें तो वही दाल-रोटी खानी है।
खैर तमाम विडंबनाओं के बावजूद नयापन सभी को अच्छा लगता है.....प्रकृति का श्रृंगार न कर सकेंगे बासी फूल की बतर्ज़ कम से कम १ दिन तो लोग नए साल का खैर कदम करते हुए इसी बहाने मुस्कुराएंगे...बस एक सबब चाहिए खुश होने के लिए...चलिए नया साल ही सही!
2008 is going 2 finish
Now, we need to face 2009
5 comments:
सही है ! इस आपाधापी के युग में मुस्कुराने और खुश होने के लिए एक बहाना तो चाहिए ही न ....वह मिल जाता है....इतना ही काफी है।
सुंदर चित्रों के मध्यम से आपने अपने संदेश को सशक्त बना दिया. आभार.
http://mallar.wordpress.com
बिलकुल सही..
अच्छा िलखा है आपने । मैने अपने ब्लाग पर एक लेख िलखा है-आत्मिवश्वास के सहारे जीतें िजंदगी की जंग-समय हो तो पढें और कमेंट भी दें-
http://www.ashokvichar.blogspot.com
आपके ब्लॉग पर बड़ी खूबसूरती से भाव व्यक्त किये गए हैं, देखकर आनंद का अनुभव हुआ. कभी मेरे शब्द-सृजन (www.kkyadav.blogspot.com)पर भी झाँकें !!
Post a Comment